- Date : Dec 19, 2024
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भारत में छठ पूजा 2024 एक प्रमुख और पवित्र पर्व है जिसे मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। सूर्य की आराधना के लिए यह विशेष पर्व चार दिनों तक चलता है। इस लेख में हम chhath puja 2024, chhath puja 2024 date, इसके महत्व, पूजा विधि, और इससे जुड़े FAQs पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Chhath Puja 2024 की तिथियां चार दिनों तक फैली रहती हैं और प्रत्येक दिन का अपना धार्मिक महत्व है। नीचे दी गई तालिका में छठ पूजा के चार दिनों की तिथियों और पूजा के समय का विवरण दिया गया है:
दिन | तिथि | विशेष अनुष्ठान |
---|---|---|
पहला दिन | 7 नवंबर 2024 | नहाय खाय |
दूसरा दिन | 8 नवंबर 2024 | खरना |
तीसरा दिन | 9 नवंबर 2024 | संध्या अर्घ्य |
चौथा दिन | 10 नवंबर 2024 | उषा अर्घ्य और पारण |
छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया को धन्यवाद देना और उनसे जीवन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करना है। सूर्य देवता, जो ऊर्जा और जीवन के स्रोत माने जाते हैं, की उपासना से जीवन में संतुलन और सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि chhath puja 2024 में व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पहला दिन (नहाय-खाय)
इस दिन व्रतधारी नदियों या पवित्र जल स्रोतों में स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। यह व्रत की शुरुआत मानी जाती है।
दूसरा दिन (खरना)
दूसरे दिन व्रतधारी पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को प्रसाद के रूप में खीर और रोटी का सेवन करते हैं। इस दिन का व्रत अत्यंत कठिन होता है।
तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य)
तीसरे दिन छठ पर्व का मुख्य अनुष्ठान संध्या अर्घ्य होता है। व्रती डूबते सूर्य को जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित करते हैं।
चौथा दिन (उषा अर्घ्य और पारण)
चौथे और अंतिम दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है, इसके बाद व्रत का पारण होता है और प्रसाद वितरण किया जाता है।
छठ पूजा के व्रत में कई विशेष नियम और मान्यताएं होती हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है:
Chhath Puja 2024 कब है?
Chhath Puja 2024 में किस दिन कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
Chhath Puja में व्रती किन-किन नियमों का पालन करते हैं?
छठ पूजा का महत्व क्या है?
Chhath Puja में संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य का क्या महत्व है?
इस प्रकार, chhath puja 2024 का पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करके सुख-समृद्धि और संतुलन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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