- Date : Dec 19, 2024
- 0 Comments
- 45 views
हनुमान चालीसा, जो कि तुलसीदास जी द्वारा रचित एक अति पवित्र भक्ति गीत है, भगवान हनुमान की महिमा का गुणगान करता है। यह गीत न केवल हमारे आध्यात्मिक जीवन को सशक्त बनाता है, बल्कि नकारात्मकता से मुक्ति, साहस, और मानसिक शांति प्रदान करता है। ‘हनुमान चालीसा’ को पढ़ने और गाने से शारीरिक एवं मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है और यह बुरी नजर और बुरे प्रभावों से रक्षा करता है। इस लेख में हम "hanuman chalisa lyrics" का विस्तृत विवरण देंगे और यह भी जानेंगे कि कब और कैसे इसे पढ़ना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ भगवान हनुमान की शक्ति, समर्पण, और भक्ति को दर्शाता है। इसे पढ़ने से मनुष्य को अनेक लाभ मिलते हैं। हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई अपने में गहरे अर्थ छुपाए हुए है और मनुष्य के अंदर के नकारात्मक तत्वों को दूर करती है।
प्रातःकाल और संध्याकाल हनुमान चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। प्रातःकाल इसे पढ़ने से दिनभर ऊर्जा बनी रहती है, और संध्या को इसका पाठ करने से रात्रि का समय शांतिपूर्ण होता है। इसे मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से पढ़ना अत्यंत लाभकारी होता है।
हनुमान चालीसा के पाठ से मानसिक शांति मिलती है, डर और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है, और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। आइए विस्तार से जानें इसके लाभों को।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय सबसे पहले भगवान हनुमान का ध्यान करें। शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें और वहाँ बैठकर इस पाठ का मनन करें। आप इसे पढ़ते समय अगर कोई दीपक जलाएं तो यह और भी प्रभावकारी हो जाता है।
हनुमान चालीसा के प्रत्येक मंत्र में एक अद्भुत शक्ति छुपी हुई है। यह मंत्र भगवान हनुमान की महानता, उनकी शक्ति, और उनके बलिदानों को दर्शाता है। इसका नियमित जाप आपकी ऊर्जा को शुद्ध करता है और हर प्रकार की बाधाओं को दूर करता है।
हनुमान जयंती और दिवाली जैसे विशेष अवसरों पर हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसके अलावा किसी भी कठिन समय में, जैसे कि परीक्षा, व्यवसाय में कठिनाई या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के दौरान भी हनुमान चालीसा का पाठ अद्भुत लाभकारी होता है।
यह माना गया है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने वाले व्यक्तियों के जीवन में कई चमत्कारी बदलाव आते हैं। चाहे किसी भी प्रकार की बाधा हो, हनुमान जी की कृपा से वो सरलता से दूर हो जाती है। भक्तजनों का कहना है कि हनुमान चालीसा की शक्ति उनकी हर समस्या का समाधान करती है।
हनुमान चालीसा की हर पंक्ति में एक गहरा अर्थ छुपा हुआ है। यह अर्थ हमारी आत्मा को सशक्त बनाता है। आइए इसके कुछ महत्वपूर्ण मंत्रों के अर्थ पर प्रकाश डालें।
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पूरा मन, विचार, और शरीर शांत रहे। नीचे कुछ चरण दिए गए हैं जिनका पालन करते हुए आप सही विधि से हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं:
हनुमान चालीसा न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि जीवन की हर समस्या का समाधान देने वाला एक अद्वितीय स्त्रोत है। इस पवित्र ग्रंथ का सही विधि से पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और सकारात्मकता का आगमन होता है।
Latest Post
Popular Post